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हिन्दी दिवस विशेष नाटक

 

हिन्दी दिवस विशेष नाटक 

14 सितंबर का दिन हिन्दी दिवस के नाम से जाना जाता है । आज कक्षा ------------------के कुछ छात्र हिन्दी दिवस के अवसर पर एक नाटिका प्रस्तुत करने जा रहे है । जिसके पात्र है ,माँ, पिता , बहु, बेटी और मैं ।

माँ-  (भजन)

ओ पालनहारे
निर्गुण और न्यारे,
ओ पालनहारे
निर्गुण और न्यारे,
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं,



मैं हूँ हिन्दी राजभाषा,मातृभाषा वही हिन्दी जिसके पास अलंकार, गद्य,पद्य, व्याख्या,वर्णमाला भी है । अब कुछ नहीं है तो मुझे पढ़ने वाले । अब किसी से क्या कहना, जो मेरे ही बेटे ने अंग्रेजी से शादी कर ली । बताओ इतनी अंग्रेज, इतनी अंग्रेज है की हमेशा T बनाएगी, चाय कभी नहीं ।

बहु- English song बैकग्राउंड

माँ- बहु, अपना चलत दूरभाष यंत्र बंद करो।

बहु- what

माँ- इशारे से फोन की तरफ

बहु- ohh

माँ- बहु यह हिन्दी का घर है, यहाँ पर सुबह-सुबह भगवान का नाम लिया जाता है ।  

बहु -hahaha हाँ अब जितने दिन बचे है, हिन्दी के पास अब तो भगवान का नाम लेना ही चाहिए। ----और मम्मी जी अगर आपको सुनना ही है तो पॉप, जस,ट्रन्स सुनिए।

माँ- बहु अपनी बकवास बंद कर, वर्ना तेरा पॉप्स अलग और जोज अलग कर दूँगी ।

बहु- मम्मी जी चावल मे से कंकड़ अलग नहीं किया जाता आपसे, पॉप और जैस अलग करेंगी ।

माँ- बहु अपनी जबान पर (,) कोमा लगा

बहु- BY THE WAY I AM GOING TODAY KITTY PARTY, आज बाहर से मेरी cousin friends आई है ।

माँ- जिस फ़्रेंड्स को तुम cousin बनाकर रखती हो ना, उस friends की तो 25 दिन दाढ़ी बनाकर रखते है ।

बहु- shut up वर्ना full stop कर दूँगी ।

माँ -तेरे जैसे full stop की तो हम बिंदी लगाकर रखती है,समझी ।

बहु – हिन्दी और बिंदी दोनों ही out of fashion है ।

मां -हिन्दी कोई fashion नहीं भाषा है ।

बहु ---------------------------------------------------

माँ – थप्पड़ मारती है------------------

बहु -vvv, vvv

माँ -क्या vvv लगा रखा है । छोटी है छोटी बनकर रह । खबरदार अगर मेरे साथ बड़ी ई की मात्रा लगाकर बात की तो ।

बहु -मम्मी जी मै आपको देख लूँगी।

माँ -देख तो मै तुझे लूँगी सब टाइटल के साथ

बहु- vvv वो तो देखना ही पड़ेगा,क्योंकि आने वाले समय में सब लोग मुझे ही तो देखेंगे ।

माँ- लगता है तू ऐसे नहीं मानेगी, अपनी बेटी को बुलाना पड़ेगा -----------बेटी .. बेटी

बेटी- songs play

बहु --------------

बेटी – बारी बरसी खतन गया सी खत के लेयंदी भिंडी-------- बारी बरसी खतन गया सी खत के लेयंदी भिंडी—वो टंग तोड़ दियांगी जिसने ठीक से ना बोली हिन्दी बोलो तारा—तारा—तारा ओ भाभी साडे नाल रहोगी तो ऐश करोगी ।

बहु- हां--- हां सारे काम ऐश करे फिल्म वो करे बच्चों को स्कूल वो छोड़े, घर वो चलाए अभिषेक कुछ ना करे ।



माँ-ए मै तुझे वचन देती हूँ अगर तेरे noun का pronoun ना किया तो कहना ।

बहु- हां--- हां तो मैंने भी आपके अनुलोम का विलोम ना किया तो कहना -----------

बेटी – वो तो मैंने सिद्धू का मनमोहन न किया तो कहना वॉय ठोको ताली वॉय

बहु- what the hell you are talking

सभी एक साथ बोलने लगते है ------

पिता -लगातार बोलते है कुछ समझ नहीं आता

पिता – भाषा कम्यूनिकेशन के लिए होती है और हिंदुस्तान तो अनेक बोलियों का देश है---यहाँ सदियों से एक ही भाषा चली आई है । प्यार की भाषा----------------- oye-कोई हजार मांगे तो लख दियांगे मिलजुलकर रहे, हिंदुस्तान के नाम चक दियांगे। 

Songs play चक दे इंडिया-----। 

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