आओ मिलकर याद करें जन-जन ह्रदय विजेता को
उस सुभाष बलिदानी को नेताओं के नेता को
था अलग ही बॉस का ओरा,
माने लोहा दुश्मन भी गोरा
घूमा रूस जर्मनी जापान
स्वतंत्र हो भारत यही ध्येय प्रधान
फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया
हिंद फौज का संचालन किया
कहा खून के बदले आजादी दूंगा
कीमत लेस ना मैं कम लूंगा,
है रोष लहू में तो आ जाओ
खाकर कसम यह दिखलाओ
अब सिंहासन दूर नहीं
सुनते ही लहू की नदी वही
तन-मन-धन समर्पण भारत को किया
जब तक जिया देशहित जिया
है अमर सुभाष सदा क्रांतिकारी विचारों में
समय-समय पर आती है
विभूतियां अलग-अलग किरदारों में
आओ मिलकर याद करें
करें जन-जन ह्रदय विजेता
उस सुभाष बलिदानी को नेताओं के नेता को.......